Swapnil

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मैं आज मैं होना चाहती हूँ .......

  1. बिना सफ़र बिना मंजिल का,
एक रास्ता होना चाहती हूँ। 
       कही दूर किसी जंगल में,
       ठहरा दरिया होना चाहती हूँ।
एक जिंदगी होना चाहती हूँ,
बिना रिश्तों और रिवाजों की।
       दूर आसमान में गिरते,
       झरने में कही खो चाहती हूँ।

मैं आज "मैं" होना चाहती हूँ।।

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